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रविवार, सितंबर 3

बड़ी लापरवाही : कोटवा में निर्माण के कुछ घंटे बाद धड़ाम से गिरा पंचायत सरकार भवन का छत

बड़ी लापरवाही : कोटवा में निर्माण के कुछ घंटे बाद धड़ाम से गिरा पंचायत सरकार भवन का छत, मजदूरों की बची जान

रिपोर्ट : मधुरेश प्रियदर्शी 

हिंदुस्तान मीडिया/मोतिहारी/बिहार 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास कार्यों में गुणवत्ता को लेकर जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों को हमेशा नसीहत देते रहते हैं। लेकिन, मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार दिए गये नसीहत का कोई असर पूर्वी चंपारण जिले में देखने को नहीं मिल रहा है। जिले के कोटवा प्रखंड क्षेत्र से एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही की खबर निकल कर सामने आई है। यहां के डुमरा पंचायत में निर्माणाधीन पंचायत सरकार भवन का छत ढलाई के महज कुछ ही घंटे बाद भरभरा कर जमीन पर गिर पड़ा। इसे महज संयोग ही कहा जाएगा कि छत गिरने की घटना के दौरान वहां कार्यरत मजदूरों की जान बच गई अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। ढलाई के महज कुछ ही घंटे बाद पंचायत सरकार भवन के छत के धराशायी हो जाने से लोग निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं ? उधर,  इस घटना ने विभागीय पदाधिकारियों की बड़ी लापरवाही का भी पोल खोल दिया है। लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों ने अगर मुस्तैदी दिखाई होती तो घटिया निर्माण नहीं होता है और यह घटना नहीं होती।

01करोड़ 24 लाख रुपए की लागत से हो रहा डुमरा में पंचायत सरकार भवन का निर्माण 

विभागीय अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोटवा प्रखंड अन्तर्गत डुमरा में पंचायत सरकार भवन का निर्माण 01 करोड़ 24 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो इस भवन के छत की ढलाई के दौरान कोई भी तकनीकी पदाधिकारी मौके पर मौजूद नहीं थे। हालांकि निर्माण कार्य मे लगे मजदूरों के मुताबिक एक पदाधिकारी आये थे मगर तुरंत लौट गए। इससे स्पष्ट होता है कि संबंधित पदाधिकारी मौके पर सिर्फ खानापूर्ति के लिए पहुंचे थे।जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में डुमरा के इस पंचायत सरकार भवन के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। यह योजना 01 करोड़ 24 लाख की लागत से निर्मित होने वाले बहुद्देशीय भवन के निर्माण का है। पंचायत के तत्कालीन मुखिया कन्हैया कुमार पांडेय ने इस भवन का निर्माण शुरू कराया और उस समय पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य लिंटर तक ही हो सका था। हाल के दिनों में इस बहुद्देशीय भवन का निर्माण कार्य पुनः प्रारम्भ हुआ था। इसी बीच शनिवार को इस भवन के छत की ढलाई की गई। ढलाई के महज कुछ ही घंटे के बाद छत गिरने की सूचना पूरे पंचायत में जंगल की आग की तरह फैल गई और लोग तरह-तरह की चर्चा करने लगे। इस मामले में प्रथम दृष्टया विभागीय लापरवाही की बात सामने आ रही है। 

जांच रिपोर्ट आते ही दोषियों के विरुद्ध होगी कार्रवाई, डीपीआरओ बोले

ढलाई के महज कुछ घंटे बाद पंचायत  सरकार भवन का नवनिर्मित छत धराशायी होने की सूचना मिलते ही जिले के प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई। इस सवाल पर सभी पदाधिकारी कन्नी काटते देखे गये। इस संदर्भ में कोटवा की बीडीओ सरीना आजाद ने बताया कि डुमरा में निर्माणाधीन पंचायत सरकार भवन की छत के गिरने की सूचना मिली है, जिससे वरीय पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि आखिर छत कैसे धराशायी हुआ। वहीं कनीय अभियंता अजित कुमार ने बताया कि वे ढलाई के दौरान मौके पर मौजूद थे। हालांकि बारिश शुरु होने से पहले वे कार्यस्थल पर से वापस चले गये थे। उधर, इस संदर्भ में पुछे जाने पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी सादिक अख्तर ने हिंदुस्तान मीडिया को बताया कि कोटवा प्रखंड के डुमरा में निर्माणाधीन पंचायत सरकार भवन की छत के धराशायी होने के मामले की जांच विभाग के एक्सपर्ट अधिकारियों से कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। डीपीआरओ ने कहा कि सरकारी राशि के बंदरबांट की इजाजत किसी को भी नहीं दी जा सकती।

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