मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन नहीं रहे, लखनऊ के मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस
हिंदुस्तान मीडिया/लखनऊ/भोपाल
इस वक्त की बड़ी खबर उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से मिल रही है। यहां के मेदांता अस्पताल में भर्ती मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का आज निधन हो गया है। उन्होंने आज सुबह साढ़े 5 बजे अंतिम सांस ली। इस दुखद खबर की जानकारी राज्यपाल के बेटे अशुतोष टंडन ने ट्वीट करके दी है। महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन पिछले महीने से बीमार चल रहे थे। अस्पताल में एडमिट होने के बाद तबीयत में सुधार की ख़बरें आ रहीं थीं। बीते कुछ ही दिनों में लालजी टंडन की तबीयत बेहद नाजुक हो गई थी।आपको बता दें कि उनकी किडनी के साथ-साथ लिवर फंक्शन भी गड़बड़ हो गया था। राज्यपाल लालजी टंडन को 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बिती रात से ही उनकी हालात गंभीर हो गई थी।
राज्यपाल लालजी टंडन की जीवनी.........
लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल सन 1935 में हुआ था। अपने शुरुआती जीवन में ही वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की थी। सन 1958 में लालजी का विवाह कृष्णा टंडन के साथ हुआ था। उनके बेटे गोपाल जी टंडन इस समय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री हैं। संघ से जुड़ने के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी मुलाकात हुई। लालजी टंडन शुरू से ही अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीब रहे। वे स्वंय कहा करते थे कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में उनके साथी, भाई और पिता तीनों की भूमिका अदा की।
लालजी टंडन का राजनैतिक सफर......
मध्यप्रदेश के राज्यपाल ने अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत वर्ष 1960 में की थी। वे दो बार पार्षद चुने गए और दो बार यूपी विधान परिषद के सदस्य रहे। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था। लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है। 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है। सन 1978 से 1984 तक और 1990 से 96 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य रहे। इस दौरान 1991-92 की उत्तर प्रदेश सरकार में वे मंत्री भी बने। इसके बाद लालजी टंडन 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर यूपी विधानसभा पहुंचे। सन 1997 में वह नगर विकास मंत्री रहे।
2009 में अटल जी की सीट से संसद पहुंचे थे लालजी टंडन.......
वर्ष 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से दूर होने के बाद लखनऊ लोकसभा सीट खाली हो गई। इसके बाद भाजपा ने लालजी टंडन को ही यह सीट सौंपी. लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन ने लखनऊ लोकसभा सीट से आसानी से जीत हासिल की और संसद पहुंच गये। लालजी टंडन वर्ष 2018 में बिहार के राज्यपाल बने थे। केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष 2019 में उन्हें मध्यप्रेदश का राज्यपाल बनाया था तबसे वे इस पद पर आसीन थे।
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