जंग-ए-कोरोना : विधायक फंड की राशि में फंसा पेच, नियम बदलने पर सरकार कर रही विचार
राज्य ब्यूरो/पटना/बिहार
बिहार में कोरोना संकट से लड़ने के लिए अब सांसद-विधायक भी आगे आने लगे हैं। वे सभी अपने फंड से बड़ी राशि की अनुशंसा अपने-अपने क्षेत्र में कोरोना संकट से निपटने के लिए कर रहे हैं। इसके लिए बिहार में सांसदों-विधायकों द्वारा जिलाधिकारी को पत्र लिखा जा रहा है। फिलहाल कोरोना मद में विधायक फंड की राशि खर्च करने के मामले में पेच फंस रहा है।विधायक फंड को लेकर अधिकारी भी उलझन में
नियम यह है कि कोई भी सांसद या विधायक अपने फंड की राशि अपने संसदीय या विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों में ही खर्च कर सकता है। लेकिन, कोरोना संकट से निपटने के लिए राशि खर्च करने को लेकर ज़िला प्रशासन को विधायकों द्वारा जो पत्र लिखा जा रहा है उसे देखकर अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि उक्त राशि को किस नियम के तहत कोरोना मद में खर्च करे। सांसदों के लिए तो सरकार ने नियम में बदलाव कर दिया है। इतना ही नहीं 24 मार्च को इस संदर्भ में गाइडलाइन भी जारी कर दिया गया है। किसी आपदा के लिए सांसद 25 लाख की राशि दे सकते थे, लेकिन कोरोना संकट से बचाव के लिए वे अपने फंड से मनचाहा राशि दे सकते हैं।
वरीय अधिकारियों से परामर्श ले रहे हैं कनीय अधिकारी
मालूम हो कि सूबे के कई विधायकों ने अपने-अपने विधायक फंड की राशि कोरोना संकट में जो सामान खरीदने के लिए लिखा है उसे देख अधिकारी भी सोच में पड़ गये हैं। विभागीय स्तर पर अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में गाइडलाइन मांग रहे हैं।वर्तमान में यह है नियम
जिला स्तर के अधिकारी यह जानना चाहते हैं कि विधायकगण मास्क, सेनेटाइजर एवं ग्लोब्स सहित अन्य सामान खरीदने के लिए जिस फंड की अनुशंसा कर रहे हैं वह मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के मार्गदर्शिका के अनुरूप नहीं है। इस कारण से विधायकगण द्वारा उल्लेखित उपकरणों की खरीदारी मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत नहीं की जा सकती है।नियमों में बदलाव हो तभी हो सकेगा विधायक फंड का उपयोग
पुराने नियम में बदलाव किए बगैर विधायक फंड की राशि का उपयोग कोरोना मद में संभव नहीं है। ऐसे में खबर मिल रही है कि कोरोना संकट से बचाव को लेकर विधायकों द्वारा लगातार किए जा रहे अनुशंसा को देखते हुए प्रदेश सरकार नियमों में बदलाव पर गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है, ताकि कोरोना से रोकथाम के लिए विधायक फंड की राशि का उपयोग सुनिश्चित कराया जा सके।
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